अगर हर बात के लिए दोषी औरत ही है तो क्यों नवाज़ते हो उसे इतने बड़े बड़े खिताबों से...देवी, अगर हर बात के लिए दोषी औरत ही है तो क्यों नवाज़ते हो उसे इतने बड़े बड़े खिताबों से....
क्या कभी कुचलने फन कोई, आगे बढ़कर भी आएगा। क्या कभी कुचलने फन कोई, आगे बढ़कर भी आएगा।
मगर अपने काम, सबके भलाई को दृष्टि में रखते हुए करते हैं, तब वह इबादत ही हो जाती है …. ” मगर अपने काम, सबके भलाई को दृष्टि में रखते हुए करते हैं, तब वह इबादत ही हो जाती ...
कानों में बस झूठे बोल बसे थे कानों में बस झूठे बोल बसे थे
मुझे कुछ देर हो जाएगी।आप याद से बाबू जी को दवा दे देना"। मुझे कुछ देर हो जाएगी।आप याद से बाबू जी को दवा दे देना"।
मन का हारा मात खाता है, मन को जीता परचम लहराता है मन का हारा मात खाता है, मन को जीता परचम लहराता है